Solution : मूल तथा व्युत्पन्न मात्रकों के बीच सम्बन्ध को समीकरण के रूप में प्रदर्शित करना विमीय समीकरण कहलाता है। <br> विमीय समीकरणों के उपयोग-(i) किसी भौतिक राशि का मात्रक ज्ञात करना। (ii) किसी भौतिक राशि के मात्रक को एक पद्धति से दूसरी पद्धति में बदलना। (iii) किसी समीकरण की सत्यता की जाँच करना।