इसके बाद मरे हुए पांचों कुत्तों के मुंह में ऑक्सीजन सप्लाई की गई और इसी दौरान टीटरबोर्ड को आगे तो कभी पीछे की तरफ घुमाया गया। ये इसीलिए किया गया ताकि कुत्तों के शरीर में ये मिक्सचर अच्छे से घुल जाए। वहीं इस प्रयोग का नतीजा ये रहा कि तीन कुत्ते जिंदा तो हुए, लेकिन वो कोमा में चले गए।