इस बिल में सभी बातें दर्ज नहीं होतीं. अस्थाई बिल वह होता है जो एक व्यापारी द्वारा किसी ग्राहक को ऐसी वस्तु की खरीद पर जारी किया जाता है जो व्यापारी के ऑडिट या लेजर में नहीं दिखाई जाती है. इस प्रकार, वह टैक्स देने से बच सकता है. इधर ग्राहक भी अलग-अलग तरह के टैक्स (अब जीएसटी) का भुगतान करने से बचता है.